लगाव
अनुभूतियों के विस्मृत-अविस्मृत पल जो कि अबाध गतिविधियों के साथ अग्रसर होता है |
23 अक्टूबर 2011
समयावधि
मैं जहाँ जाता हूँ वहाँ से हटना पड़ रहा है
चाहे कितनी ही मुश्किल में हो प्रत्येक कार्य रुक जाता है
विचारों में उलझते हुये नये सवेरे कि तलाश में
कुछ एक गलतियों के कारण सारा माहौल बिगढ़ जाता है |
हर समय नयापन उलझता है |
नई पोस्ट
पुराने पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
संदेश (Atom)