कितना सघन
कितना सुखद
उत्साहित, एकाग्रचित
सा लगता है
वहीँ से गुजरना
अलग थलग से
जहाँ छोड़कर एक
नये सफ़र में
इस सफ़र में
हर समय कुछ
रूह और आयाम
सहित मंजिलों के साथ।
कितना सुखद
उत्साहित, एकाग्रचित
सा लगता है
वहीँ से गुजरना
अलग थलग से
जहाँ छोड़कर एक
नये सफ़र में
इस सफ़र में
हर समय कुछ
रूह और आयाम
सहित मंजिलों के साथ।
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