19 जून 2012

दौड

दौड़ जहाँ पाने
खाने के लिए
इन कंटीले राहों
की ओर


होड़ में मकाम,
मंजिलें दौड़ न
होकर हासिल हो


इस सफ़र में
लग  जाते हैं
कंटीले लग जाए


दौड़ने की ललक
संजो कर कहीं
पथिक फिसल न जाए


होश न खोये
पथिक जोश में
खाने, दौड़ने के लिए 
चलता रहे । 

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