लगाव
अनुभूतियों के विस्मृत-अविस्मृत पल जो कि अबाध गतिविधियों के साथ अग्रसर होता है |
12 दिसंबर 2010
मिलन
मिलन पंछियाँ बैठते हैं
एक छोर से दुसरे
तितलियाँ बैठते हैं
एक डाली से दूसरे
भंवरे उड़ते हैं
एक फूल से दूसरे
खिलते हैं फूल
पंखुड़ियों के साथ
खिलता है हिय
जब आपस में मिलते हैं
मुकेश नेगी, १२-०४-२०११.
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