21 फ़रवरी 2012

मौसम के करवटें

मौसम के करवटों से नये-नये रंग
 बदलते हुए दिखाई देते हैं
कल जो भयानक दृश्य
 मुझे मानसिक पटल
 पर दिखाई दे उसे दोहराना
  नहीं चाहता हूँ
 फिर  भी  विवशतावश  इस
 स्थिति से गुजरना पड रहा है 
हर समय एक ही  स्थिति
 से गुजरना पड रहा है
अपने कार्य के लिए दूसरों पर
 निर्भर रहना नई बात नहीं है
 कुछ नया कर पाने के लिए
उत्सुक तो रहता है
 मौसम के करवटों से निपटते
 हुये मन में डर सा बैठ जाता है
फिर भी कुछ नया कर गुजरने
की क्षमता रखना एक विचार उत्पन्न होता है |

20 फ़रवरी 2012

अलग बात तो नहीं है |

आज कुछ अलग बात है
जो कल तक साथ
रहा आज अलग है

मिलने के लिए
 कुछ अलग  बात नहीं है
हर बात  नयी नहीं है
 ऐसा  मुझको लगता है

काफी समय के बाद फिर
उसी में बढ़ना है  मुझे ऐसा
लगता है

एक नये फिराक के लिए
उत्सुकतावश चलना पड़े
तभी हर तरफ सब कुछ
अलग बात तो नहीं है |

19 फ़रवरी 2012

इस कधर कभी न हो |

इस कधर कभी भी न हो
कहीं नया सवेरा हो
कहीं नयी कसक हो
नयी बयार हो

नयी मंजिल हो
ओर एक नया ख्याल हो
कहीं कोई कदम हो

जीवन की कोई डगर हो
किसी से कोई परेशानी न हो
हर तरफ एक नया बयार हो

हमें न कोई टोके न कोई रोके
कोई किसी की रपट न करें
इसी में एक नया बयार हो  ।
 

आखिर लक्ष्य में बाधाएँ न हो |

आखिर लक्ष्य में बाधाएँ न हो
तो कुछ  न कर गुजरने का
 मलाल सभी  को  रहता  है

काफी समय से एक
 ही आसन पर बैठकर
नित सवेर सोचता हूँ की
आखिर क्यों नई सोच की ओर
 मन अग्रसर करता है

जिसे हमने काफी समय से
हासिल करने का सोचा था
उसे न जाने क्यों हटाया जाता है
कभी समृतियों में उजासपन सा
छा जाता है

फिर भी मनुष्य इस आस में
सबल रहता है कि कहीं नया सवेर
इंतजारी में होगा

इसी में शायद नया सवेरा
 निश्चित सा लगता है
हर किसी के रूकावट से
कभी मन उजास सा हो जाता है

लक्ष्य की ओर बढ़ना
 ही एक नया सवेरा है
आखिर बाधाएँ न हो

काफी  समय से बाधाएं
उत्पन्न होने का मलाल
हमेशा से ही मुझे खटकता है

अगर न हो बाधाएं तो हमेशा
अपने लक्ष्य की ओर बढ़ सकता है
न जाने अगला दयार क्या होगा ।