अभी सोचने से
हकीकत भी है
सामना मुश्किलों का
पनपते हैं नये सवाल
छलकते हैं रुदन
हँसी जब रुक सी
जाती है
कदम जहाँ बमुश्किल
से बढते हैं
क्रोध जो तीव्र
बना लेता है
जब अलग हो
ध्यान हट सा जाता है
आंसू जहाँ
बारिश का रूप
ले लेती है
डर जब हमें
हर क्षण सताता है
दर्द जब उभरकर
थमता नहीं है
कार्य जब
कभी दुश्कर
हो जाते हैं
सामना जब
हकीकत
बन जाता है
रंग रूप छलक
जाता है रंगों राग सा
सामनाओं के संग |
हकीकत भी है
सामना मुश्किलों का
पनपते हैं नये सवाल
छलकते हैं रुदन
हँसी जब रुक सी
जाती है
कदम जहाँ बमुश्किल
से बढते हैं
क्रोध जो तीव्र
बना लेता है
जब अलग हो
ध्यान हट सा जाता है
आंसू जहाँ
बारिश का रूप
ले लेती है
डर जब हमें
हर क्षण सताता है
दर्द जब उभरकर
थमता नहीं है
कार्य जब
कभी दुश्कर
हो जाते हैं
सामना जब
हकीकत
बन जाता है
रंग रूप छलक
जाता है रंगों राग सा
सामनाओं के संग |