30 अप्रैल 2011

जिंदगी अनमोल

जिंदगी है अनमोल
जियो खुशी से भर कर
मुश्किलों का सामना
है जिंदगी

जिसने किया डटकर सामना
वही हासिल कर सका जिंदगी
का सही सोपान

कभी हमें कठिन तो कभी
टेढ़े-मेढ़े रास्तों से गुजरना
पड़ता है

संकट के वक्त बुरे कर्मों से
हटकर सचाई के मार्ग से
ही हासिल होता है
जिंदगी का सही सोपान

खटी-मीठी यादों के सहारे
ही मिलती है सफलता की
सीढ़ी







29 अप्रैल 2011

शब्दों के गुंजन


बनते शब्द के वाक्य

बनते शब्द के बोल

शब्दों की भाषा-परिभाषा

विशेषताएं कितने मधुर

लगते ये शब्द के बोल

तिनका-तिनका जोड़कर

रूप आकार प्रदान करते

ये शब्द के बोल गुंजन करते


15 अप्रैल 2011

खुश होने का मतलब

खुश होने का मतलब
हम जो चाहे कर
सकते हैं

भाव विचार संयम
सभी का तालमेल होना
ख़ुशी का मतलब

हमें जो कुछ भी
हासिल होता है
वो ख़ुशी का मतलब

हम जो खापी
सकते हैं
वो ख़ुशी का मतलब

हमारा मिलाना
उठाना बैठना
ये सब ख़ुशी का मतलब

एक दुसरे से वार्तालाप
भी ख़ुशी का मतलब

खुशियों को खरीदना
भी
ख़ुशी का मतलब

मुकेश नेगी, १५-०४-२०११.

11 अप्रैल 2011

जिंदगी एक धुआं

जिंदगी का हर पल
धुएं की तरह उड़ता जाता है
समझ कर भी नासमझ
और नासमझ कर भी
समझना
पड़ता है
कहीं इस धुंए में खो जाये
यही सोचते हैं अक्सर
कभी चाय की चुस्की
में बीत जाते हैं पल
तो कभी चलचित्रों की
रंगीनियों में कभी बीत जाते हैं
घंटों महफिलों में जिंदगी के
नये नये
दोस्त मश्तक में

मुकेश नेगी, ११-०४-२०११.

अजनबियों के महफ़िल में

अजनबियों के महफ़िल में कितना मुश्किल वीरान सी जिंदगी अजनबियों के न मंजिल न हमसफ़र मित्रों का पता चलते चलते कभी थक सा जाता हूँ इस सोच में कई गुथियाँ उलझ आते हैं मष्तिक में गुथम - गुथी में यूँ ही गुजर जाते हैं अनगिनत पल विचरणके इस खेल में कहीं किसी सुराख़ का पता ही नहीं चलता इस अनसुलझे विचारों में इसी भीड़ में फिर चलाना पड़ता है अजनबियों कई तरह कभी खो जाते हैं जिंदगी के आईने में अनेक दृश्य मुकेश नेगी, ११-०४-2011