लगाव
अनुभूतियों के विस्मृत-अविस्मृत पल जो कि अबाध गतिविधियों के साथ अग्रसर होता है |
13 दिसंबर 2010
धूप
धुपहरी में अकेला बैठ किसी विचारों के सहारे सवपन के आगोश में करवटें बदलते रोज़ इसी सोच में कि कब तक चलेगा तपिश .
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