26 अगस्त 2012

परिस्थिति


 संजो  रखता हूँ
 तुम्हारी यादों को
 किसी भी परिस्थिति

आज जो अलग है
उस दौर से गुजर
रहा हूँ

 शायद, कोई दोस्त है
 तुम्हारा  जिसे छोड़
 नहीं पा रहा हूँ

 परिस्थितियों के
 दौर से गुजर रहा हूँ
 जिन्दगी के थपेड़े

 ऐसे ही हैं दौर जो हमें
 तोड़ देते हैं हरदम
 किसी के सहारे |