राजभाषा हिन्दी
हिन्दी है जिसका
हृदय बातों में
पहचान जिसे छिपाया
नहीं जा सकता है
जहाँ आस टिका रहता है
मंजिलों के इस
पार ओर उस पार
जहाँ छवि न ही
अलगाव के पहचान
में रहते हैं
परवर्तन सब कुछ
पलट देता है
भाषा बनकर बोलियों
से राजभाषा का दर्जा
स्थापित कर लिया है|
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